मैंने रोजा रखा मगर मेरा रोज़ा किया था ? सेहरी के वक़्त मेरे पास खाने पीने की हर नेमते थी, और फिर दिन भर में AC में बैठा रहा। और फिर असर के बाद ही बाजार से इफ्तार के लिए नेमतें इकठ्ठे करने में लग गया, इफ्तार के वक़्त भी मेरे सामने सब कुछ, जिसकी ख्वाहिश की जा सके हाज़िर थी। मुझे क्या पता कि मेरे घर के सामने सड़क पर जो मोची बैठा है। उसने सेहरी के वक़्त क्या खाया, चाय और रोटी ?
मुझे क्या पता कि वह इफ्तार के लिए क्या इंतज़ाम करके बैठा है, मगर मेरे पास इतना वक़्त नहीं है कि मैं इसके बारे में सोचूं , मुझे तो अपनी फ़िक़्र है कि इफ्तार के वक्त मेरी सारी मनपसंद चीजें मेरे सामने हो। मुझे अपने बच्चों की फ़िक्र है,, कि रोज़ा खोलने के बाद उनकी फेब्रेट डिश होनी चाहिए ? पिंकी ने चिकन समोसे बनवाए हैं, गुड्डू ने तारिक रोड क्रीम वाली फ्रूट चाट की फरमाइश की है, वहां भी जाना है, हम्माद कह रहा था कि वह स्ट्राबेरी मिल्क शेक से रोज़ा खोलना हैं,, बेगम को फ्रेस्को बन्स रोड दही बड़े पसंद हैं,, वहाँ भी जाना है,और हाँ! मैं बेगम से कहा है कि समोसे, चाट आदि कुछ नहीं खाऊँगा,, मेरे लिए बस बिरयानी होनी चाहिए, किस क़दर मसरूफ़ ज़िन्दगी है, फुर्सत ही नहीं अपने अलावा किसी के लिए सोचने की
ए मोची! तू एक दिन और, प्याज और रोटी से रोज़ा खोल लेगा तो तू क्या मर जाएगा ???
#इस_बारे_में_सोचिएगा_ज़रूर_के_कहीं_हम_भी_तो??